eng
competition

Text Practice Mode

aaj kal passage part one

created Dec 1st, 21:47 by shubham2000


0


Rating

185 words
48 completed
00:00
आजकल हमारे देश एवं प्रदेश में यह फैशन सा चल पड़ा है कि कुछ विशिष्ट लोग, दूसरों के द्वारा पहनाई गई, सुगंधित पुष्पों की माला को पहनने के तुरंत बाद ही उतार देते हैं, उन्हें यह सम्मान सूचक माला ऐसे लगती है जैसे किसी ने उनके गले में काला नाग लपेट दिया हो। हमारा प्राचीन साहित्य एवं इतिहास यह स्मरण कराता है कि सुमन माला को निकालने के कारण ही देवासुर संग्राम तक छिड़ गया था जिसमें कंठहार को निकालने के अपराध में देवराज इन्द्र सिंहासन से उतार दिए गए थे।
गले में डाली गई माला की सुगंध स्वाभाविक ही नाक में प्रवेश कर जाती है जिससे भीतर समाई हुई दुर्गंध दूर हो जाती है, मन प्रसन्न एवं प्रफुल्लित हो जाता है, रोग-दोष भाग जाते हैं। शरीर में स्वस्थ और शुभ संकल्पों का सम्यक समीकरण जाग्रत हो जाता है। गले में डाली गई माला का अपमान करने के ही कारण भगवान शिव की सती को, अपने ही पिता दक्ष द्वारा संचालित यज्ञ में आहुति देकर अपने शरीर को नष्ट करना पड़ा, क्योंकि उनके पिता ने ऋषि द्वारा दी गई माला का अपमान किया था।
 

saving score / loading statistics ...